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Sinhasan Battisi Kahaniya in Hindi

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Descrição do Sinhasan Battisi Kahaniya in Hindi

सिंहासन बत्तीसी एक लोककथा संग्रह है सिंहासन बत्तीसी 32 कथाओं का संग्रह है जिसमें 32 पुतलियाँ विक्रमादित्य के विभिन्न गुणों का कथा के रूप में वर्णन करती हैं।


इन कथाओं की रचना "वेतालपञ्चविंशति" या "वेताल पच्चीसी" के बाद हुई. पर निश्चित रूप से इनके रचनाकाल के बारे में कुछ नहीं कहा जा सकता है। संभवत:यह संस्कृत की रचना है जो उत्तरी संस्करण में सिंहासनद्वात्रिंशति तथा "विक्रमचरित" के नाम से दक्षिणी संस्करण में उपलब्ध है। पहले के संस्कर्ता एक मुनि कहे जाते हैं जिनका नाम क्षेभेन्द्र था। इतना लगभग तय है कि इनकी रचना धारा के राजा भोज के समय में नहीं हुई। चूंकि प्रत्येक कथा राजा भोज का उल्लेख करती है, अत: इसका रचना काल 11oha शताब्दी के बाद होगा। सिंहासन बत्तीसी के पांच अलग-अलग संस्करण उपलब्ध हैं। जिनकी कहानियों में काफी कुछ फेरबदल किया गया है।


32 कथाएँ 32 पुतलियों के मुख से कही गई हैं जो एक सिंहासन में लगी हुई हैं


उज्जयिनी के राजा भोज के काल में एक खेत में राजा विक्रमादित्य का सिंहासन गड़ा हुआ मिलता है। जब धूल-मिट्टी की सफाई हुई तो सिंहासन की सुन्दरता देखते बनती थी। उसे उठाकर महल लाया गया तथा शुभ मुहूर्त में राजा का बैठना निश्चित किया गया। उसके चारों ओर आठ आठ पुतलियां हैं। जब राजा भोज उस सिंहासन पर बैठने को होता है तो वे पुतलियां खिलखिलाकर हँस पड़ती हैं। खिलखिलाने का कारण पूछने पर सारी पुतलियाँ एक-एक कर विक्रमादित्य की कहानी सुनाने लगीं हर कहानी दूसरी से भिन्न है। सभी कहानियाँ दिलचस्प हैं पुतलियां बोली कि इस सिंहासन जो कि राजा विक्रमादित्य का है, पर बैठने वाला उसकी तरह योग्य, पराक्रमी, दानवीर तथा विवेकशील होना चाहिए।


ये कथाएँ इतनी लोकप्रिय हैं कि कई संकलनकर्त्ताओं ने इन्हें अपनी-अपनी तरह से प्रस्तुत किया है। सभी संकलनों में पुतलियों के नाम दिए गए हैं पर हर संकलन में कथाओं में कथाओं के क्रम में तथा नामों में और उनके क्रम में भिन्नता पाई जाती है।


बत्तीस पुतलियों के नाम और उनके द्वारा बताई गयी कहानियां


रत्नमंजरी ¥ चित्रलेखा ¥ चन्द्रकला ¥ कामकंदला ¥ लीलावती ¥ रविभामा ¥ कौमुदी ¥ पुष्पवती ¥ मधुमालती ¥ प्रभावती ¥ त्रिलोचना ¥ पद्मावती ¥ कीर्तिमती ¥ सुनयना ¥ सुन्दरवती ¥ सत्यवती ¥ विद्यावती ¥ तारावती ¥ रुपरेखा ¥ ज्ञानवती ¥चन्द्रज्योति ¥ अनुरोधवती ¥ धर्मवती ¥ करुणावती ¥ त्रिनेत्री ¥ मृगनयनी ¥ मलयवती ¥ वैदेही ¥ मानवती ¥ जयलक्ष्मी ¥ कौशल्या ¥ रानी रुपवती


सिंहासन बत्तीसी एक लोककथा संग्रह है सिंहासन बत्तीसी 32 कथाओं का संग्रह है जिसमें 32 पुतलियाँ विक्रमादित्य के विभिन्न गुणों का कथा के रूप में वर्णन करती हैं.


इन कथाओं की रचना "वेतालपञ्चविंशति" या "वेताल पच्चीसी" के बाद हुई. पर निश्चित रूप से इनके रचनाकाल के बारे में कुछ नहीं कहा जा सकता है. संभवत: यह संस्कृत की रचना है जो उत्तरी संस्करण में सिंहासनद्वात्रिंशति तथा "विक्रमचरित" के नाम से दक्षिणी संस्करण में उपलब्ध है. पहले के संस्कर्ता एक मुनि कहे जाते हैं जिनका नाम क्षेभेन्द्र था. इतना लगभग तय है कि इनकी रचना धारा के राजा भोज के समय में नहीं हुई. चूंकि प्रत्येक कथा राजा भोज का उल्लेख करती है, अत: इसका रचना काल 11oha शताब्दी के बाद होगा. सिंहासन बत्तीसी के पांच अलग-अलग संस्करण उपलब्ध हैं. जिनकी कहानियों में काफी कुछ फेरबदल किया गया है.


32 कथाएँ 32 पुतलियों के मुख से कही गई हैं जो एक सिंहासन में लगी हुई हैं


उज्जयिनी के राजा भोज के काल में एक खेत में राजा विक्रमादित्य का सिंहासन गड़ा हुआ मिलता है. जब धूल-मिट्टी की सफाई हुई तो सिंहासन की सुन्दरता देखते बनती थी. उसे उठाकर महल लाया गया तथा शुभ मुहूर्त में राजा का बैठना निश्चित किया गया. उसके चारों ओर आठ आठ पुतलियां हैं. जब राजा भोज उस सिंहासन पर बैठने को होता है तो वे पुतलियां खिलखिलाकर हँस पड़ती हैं. खिलखिलाने का कारण पूछने पर सारी पुतलियाँ एक-एक कर विक्रमादित्य की कहानी सुनाने लगीं हर कहानी दूसरी से भिन्न है. सभी कहानियाँ दिलचस्प हैं पुतलियां बोली कि इस सिंहासन जो कि राजा विक्रमादित्य का है, पर बैठने वाला उसकी तरह योग्य, पराक्रमी, दानवीर तथा विवेकशील होना चाहिए.


ये कथाएँ इतनी लोकप्रिय हैं कि कई संकलनकर्त्ताओं ने इन्हें अपनी-अपनी तरह से प्रस्तुत किया है. सभी संकलनों में पुतलियों के नाम दिए गए हैं पर हर संकलन में कथाओं में कथाओं के क्रम में तथा नामों में और उनके क्रम में भिन्नता पाई जाती है.


बत्तीस पुतलियों के नाम और उनके द्वारा बताई गयी कहानियां


रत्नमंजरी ¥ चित्रलेखा ¥ चन्द्रकला ¥ कामकंदला ¥ लीलावती ¥ रविभामा ¥ कौमुदी ¥ पुष्पवती ¥ मधुमालती ¥ प्रभावती ¥ त्रिलोचना ¥ पद्मावती ¥ कीर्तिमती ¥ सुनयना ¥ सुन्दरवती ¥ सत्यवती ¥ विद्यावती ¥ तारावती ¥ रुपरेखा ¥ ज्ञानवती ¥ चन्द्रज्योति ¥ अनुरोधवती ¥ धर्मवती ¥ करुणावती ¥ त्रिनेत्री ¥ मृगनयनी ¥ मलयवती ¥ वैदेही ¥ मानवती ¥ जयलक्ष्मी ¥ कौशल्या ¥ रानी रुपवती

Sinhasan Battisi Kahaniya in Hindi - Versão 1.0.5

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Sinhasan Battisi Kahaniya in Hindi - Informações do APK

Versão do APK: 1.0.5Pacote: com.it.sinhasanbattisi
Compatibilidade Android: 4.1.x+ (Jelly Bean)
Desenvolvedor:MobilityappzPermissões:2
Nome: Sinhasan Battisi Kahaniya in HindiTamanho: 13.5 MBDownloads: 2Versão: : 1.0.5Data de Lançamento: 2023-06-10 07:16:19Tela Mín: SMALLCPU Suportada:
ID do pacote: com.it.sinhasanbattisiAssinatura SHA 1: E8:4A:E5:05:8F:E5:97:D9:32:6C:A3:52:CE:41:FB:06:7D:D8:0F:F2Desenvolvedor (CN): androidOrganização (O): Local (L): País (C): Estado/Cidade (ST): ID do pacote: com.it.sinhasanbattisiAssinatura SHA 1: E8:4A:E5:05:8F:E5:97:D9:32:6C:A3:52:CE:41:FB:06:7D:D8:0F:F2Desenvolvedor (CN): androidOrganização (O): Local (L): País (C): Estado/Cidade (ST):

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